Minimum Wages Hike: भारत सरकार द्वारा हर वर्ष मजदूरों के न्यूनतम मजदूरी वृद्धि दर में प्रोत्साहन दिया जाता है जिसमें सभी मजदूरों की आय में बढ़ोतरी की जाती है लेकिन पिछले कुछ वर्षों से भारत सरकार द्वारा मजदूरों के आय में वृद्धि तो कि जा रही हैं लेकिन मजदूरों को उतना अधिक फायदा नहीं मिल पा रहा है, जिससे उनकी आर्थिक आय और बेरोजगारी में कमी पाई जा रही है। भारत सरकार अधिनियम के अनुसार 1 अक्टूबर 2024 को न्यूनतम मजदूर वृद्धि दर में बढ़ोतरी करी गई है जिसमें सभी मजदूरों की मासिक तथा वार्षिक आय में वृद्धि करी जाएगी जिससे उनकी क्रय शक्ति तथा जीवन स्तर में वृद्धि होगी। यदि किसी श्रमिक की मासिक आय में वृद्धि नहीं होती है तो उसकी आय तथा क्रय शक्ति में कमी पाई जाएगी। यह (VDA) में संशोधन के माध्यम से की गई है। इससे निर्माण, लोडिंग-अनलोडिंग, सफाई, खनन आदि क्षेत्रों के मजदूरों को लाभ होगा।
न्यूनतम मजदूरी दर (Minimum Wages )
न्यूनतम मजदूरी दर वह इकाई है जिसमें भारतीय शासन अधिनियम के अनुसार नियोक्ता द्वारा अपने श्रमिकों को प्रदान की जाती है ,जिससे उनके आर्थिक स्थिति में सुधार होता है तथा उनके आर्थिक शोषण में कमी पाई जाती है जिससे श्रमिकों की बेरोजगारी कम होती है तथा क्रय शक्ति में बढ़ोतरी होती है।
श्रमिकों को नहीं मिल रहा है न्यूनतम मजदूरी का लाभ
भारत सरकार द्वारा हर वर्ष में न्यूनतम मजदूर में वृद्धि की जाती है, लेकिन किसी भी श्रमिक के पास यह लाभ नहीं पहुंच पाता है जिसके कई मुख्य कारण हो सकते हैं।
• श्रमिक बेरोजगारी के डर से कम मजदूरी में भी कार्य करने को अटल हो जाता है जिसके कारण वह बेरोजगारी का पात्र बन जाता है।
• कई श्रमिक औपचारिक क्षेत्र में काम नहीं कर पाते हैं जिसके कारण वह न्यूनतम मजदूरी दर का लाभ लेने में असक्षम होते हैं।भारतीय शासन की योजनाएं उनके पास नहीं पहुंच पाती है।
• कई श्रमिक अनपढ़ होने के साथ-साथ बेरोजगार भी होते हैं जिससे उनको भारतीय शासन की कई योजनाओं के बारे में मालूम नहीं होता है इसी कारण श्रमिक न्यूनतम मजदूरी दर पर लाभ नहीं उठा पाते हैं।
न्यूनतम मजदूरी वृद्धि दर में सुधार कैसे करें
न्यूनतम मजदूर वृद्धि दर में सुधार करने के लिए भारतीय शासन को विशेष कदम उठाने की जरूरत है जिसमें श्रमिकों के ऊपर कार्य करने वाले नियोक्ता के साथ में एक श्रमिक गठन का आयोजित करना चाहिए,जिससे नियोक्ता अपने प्रभावित श्रमिकों को बेहतरीन रोजगार दे। साथ ही श्रमिको का मासिक वेतन डिजिटल कर देना चाहिए जिससे उनकी पारदर्शिता भारतीय शासन के सामने रहे। न्यूनतम मजदूरी वृद्धि दर में सुधार करने के लिए शासन को संसाधन के क्षेत्र में वृद्धि करनी चाहिए जिससे श्रमिक अनौपचारिक क्षेत्र में कार्य करने से बचे। सरकार द्वारा अनपढ़ और बेरोजगार श्रमिकों को भारतीय शासन की सभी योजनाओं के बारे में शिक्षित करके उनको हर योजना के बारे में बताना चाहिए।
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