Board Exam Update: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड में वर्ष 2024 के बोर्ड परीक्षाओं में बदलाव करने का निर्णय ले लिया है जिसमें सभी विद्यार्थियों और की कौशल क्षमता में वृद्धि होगी तथा ज्ञानात्मक प्रवृत्ति बढ़ेगी। वर्ष 2024 और 2025 में सभी विद्यार्थियों की बोर्ड परीक्षा में नए पैटर्न के प्रश्न उत्तर दिए जाएंगे, जिससे बच्चों के रटने की प्रवृत्ति कम होगी तथा ज्ञानात्मक प्रवृत्ति बढ़ेगी।इस नए पैटर्न का मुख्य उद्देश्य सभी बच्चों के शैक्षिक क्षमता में वृद्धि करना होता है तथा रखने की प्रवृत्ति को काम करना होता है जिससे बच्चे की बौद्धिक क्षमता में वृद्धि होती है।इस वर्ष केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने यह फैसला लिया है कि वर्ष 2024 और 2025 में दो बार विद्यार्थियों की परीक्षा ली जाएगी जो नए पैटर्न के आधार पर पेपर के साथ ली जाएगी।
Board Exam Update: बोर्ड परीक्षा ने बड़ा बदलाव
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने सभी विद्यार्थियों के हित के लिए सबसे बड़े तीन बदलाव बोर्ड परीक्षा के माध्यम में किए हैं जिसमें नकल करने की प्रवृत्ति रखने की प्रवृत्ति पर बिल्कुल रोक रहेगी तथा ज्ञानात्मक प्रवृत्ति से विद्यार्थी परीक्षा दे सकेंगे।
1. 1 वर्ष में होगी दो बार परीक्षा आयोजित
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के नए आदेश अनुसार वर्ष 2024 25 से सभी विद्यार्थियों के लिए वर्ष में दो बार परीक्षा आयोजित की जाएगी जिसमें नवंबर दिसंबर में एक बार परीक्षा आयोजित होगी और दूसरी बार फरवरी मार्च में परीक्षा आयोजित होगी।इस पद्धति में विद्यार्थियों के कौशल विकास में वृद्धि होती है तथा वह एक ही परीक्षा पर निर्भर नहीं रहेंगे उन्हें परीक्षा में उत्तीर्ण होने के दो मौके मिलेंगे। पहली परीक्षा के रिजल्ट को देखते हुए वह दूसरी परीक्षा में और बेहतरीन अंकों से पास होने के लिए प्रतिभूत रहेंगे जिससे कि सभी विद्यार्थियों के तनाव में कमी आएगी।
2. कौशल विकास के आधारित प्रश्नों में वृद्धि की जाएगी
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के नए निर्देश के अनुसार सभी विद्यार्थियों के कौशल विकास के प्रश्नों में वृद्धि की जाएगी जिसमें लघु एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों पर कम ध्यान देकर कौशल विकास आधारित प्रश्नों में पेपर में दिए जाएंगे।वेटेज प्रश्नों का प्रतिशत 40% से बढ़कर 50% कर दिया गया है तथा साथ में बहुविकल्पीय प्रश्न लघु उत्तरीय प्रश्न स्रोत आधारित प्रश्न को शामिल किया गया है, जिसके चलते सभी विद्यार्थियों के कौशल विकास में वृद्धि होगी तथा नकल करने और रटने की प्रवृत्ति पर रोक लगेगी।
3.निर्मित प्रश्नों की प्रवृत्ति में बढ़ोतरी
लघु एवं दीर्घ उत्तरीय प्रश्न के पैटर्न में कमी कई की गई है जिसमें वेटेज प्रश्नों की प्रतिशत 40% से 30% कर दिया गया है जिससे विद्यार्थियों की रटने की क्षमता की प्रवृत्ति कम होगी तथा कौशल विकास में वृद्धि होगी। इस विधि में पिछड़े छात्र जो रटने की प्रवृत्ति पर ज्यादा ध्यान देते थे और ज्ञानात्मक प्रवृत्ति पर कम ध्यान दे रहे थे उनके लिए सबसे बेहतरीन विधि बनती जा रही है जिसके चलते वह छोटे-छोटे प्रश्नों के उत्तर आसानी से ज्ञानात्मक प्रवृत्ति से समझ कर लिख सकेंगे।
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